दांत का डॉक्टर- आपका दांत निकालना पड़ेगा क्योंकि ये सड़ चुका है.
राजू- हां तो कितने पैसे लगेंगे ?
दांत का डॉक्टर- बस 500 रुपये लगेंगे.
राजू- 50 रुपये ले लो और थोड़ा सा ढीला कर दो, निकाल तो मैं खुद लूंगा
मास्टर जी – सबसे ज्यादा नशा किसमें होता है?
चिंटू– किताब में।
मास्टर जी – कैसे?
चिंटू – क्योंकि किताब खोलते ही नींद आ जाती है।
मास्टर जी – एक तरफ पैसा और दूसरी तरफ अक्ल… बताओ चिंटू तुम क्या चुनोगे?
चिंटू – पैसा
मास्टर जी – गलत, मैं तो अक्ल चुनता।
चिंटू– आपकी बात भी सही है, क्योंकि जिसके पास जो चीज नहीं होगी, वो वही चुनेगा।
मास्टर जी – चिंटू, अपने पापा का नाम अंग्रेजी में बताओ
चिंटू – ब्यूटिफुल रेड अंडरवियर
मास्टर जी – नालायक हिंदी में बताओ
चिंटू – सुंदर लाल चड्ढा
चिंटू- ने पापा को अपना रिजल्ट दिखाते हुए कहा – पापा आप बहुत किस्मत वाले हैं
पापा – वो कैसे?
चिंटू – क्योंकि, मैं फेल हो गया हूं। अब आपको मेरे लिए नई किताबें नहीं खरीदनी पड़ेंगीं। हा..हा..हा..
पापा ने चिंटू को डांटते हुए कहा – तुम्हें पुदीना लाने के लिए कहा था, तुम धनिया क्यों ले आये हो।
तुम जैसे बेवकूफ को तो घर से निकाल देना चाहिए।
चिंटू – पापा चलो हम दोनों ही घर से निकल जाते हैं, क्योंकि मम्मी कह रही थी यह मेथी है।
मास्टर जी- “खुशी का ठिकाना न रहा” कोई इस मुहावरे का अर्थ बताओ?
चिंटू – खुशी घर वालों से छिपकर, हर रोज अपने दोस्त से मिलने जाती थी।
फिर एक दिन उसके पापा ने उसे देख लिया और खुशी को घर से निकाल दिया।
अब बेचारी “खुशी का ठिकाना न रहा”।
यह जवाब सुनकर मास्टर जी अभी तक बेहोश ही हैं।
मास्टर जी - चिंटू की शिकायत लेकर घर पहुंचे।
मास्टर जी – चिंटू तुम्हारे दादाजी कहां पर हैं?
चिंटू – दादाजी तो 10 दिन पहले चल बसे।
मास्टर जी – अरे, कैसे?
चिंटू – वो योगासन कर रहे थे…
मास्टर जी – भला योग करने से कैसे कोई मर सकता है?
चिंटू – टीवी में बाबा रामदेव ने बोला कि सांस अंदर लो और जब मैं कहूं तभी सांस छोड़ना और तभी लाइट चली गई।
3 घंटे बाद आई, तब तक दादाजी चल बस थे।
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